रविवार, 25 जुलाई 2010

२३ जुलाई, इस बार केवल चित्र

इस शुक्रवार चौपाल फिर से दुबई के इंटरनेशनल सिटी में स्थित सबीहा के घर पर जमी। कुछ कारणों से इसका विस्तृत विवरण अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है पर इसके चित्र प्रस्तुत हैं-

रविवार, 18 जुलाई 2010

16 जुलाई, चौपाल दुबई में


इस शुक्रवार चौपाल दुबई के इंटरनेशनल सिटी में स्थित सबीहा के घर पर हुई। चौपाल में हरिशंकर परसाईं की रचना मातादीन चाँद पर डॉ. उपाध्याय और प्रकाश सोनी ने पढ़ी, निदा फ़ाज़ली की रचना एक राजनेता के नाम का पाठ प्रकाश सोनी ने किया और अमीर खुसरों की कहमुकरियाँ शालिनी ने पढ़ी। वाचन सत्र के बाद चाय का कार्यक्रम हुआ और 6 अगस्त को होने वाले वार्षिकोत्सव की तैयारियों के विषय में बातचीत हुई।

चौपाल में उपस्थित रहे डॉ. उपाध्याय, कौशिक साहा, रागिनी, दिलीप परांजपे, प्रकाश सोनी, शुभजीत, शालिनी ठाकुर, संजय ग्रोवर और उनकी पत्नी, मुहम्मद अली, मूफ़ी बूटवाला, अमीर खान, सलाम सरदार, अनिंदिता चैटर्जी, सबीहा मजगाँवकर, अब्दुल लतीफ़ मजगाँवकर और शाहबाज़ मजगाँवकर।

शनिवार, 10 जुलाई 2010

९ जुलाई, वार्षिकोत्सव की तैयारियाँ


यह शुक्रवार रूहे इश्क की सफलता उत्सव के दूसरे दिन था इसलिये लोग कुछ देर से आए लेकिन सदस्यों की उपस्थिति अच्छी रही। काफ़ी लोगों के दर्शन हुए तो जोश और रौनक सबके चेहरों पर दिखाई दी। ऐसा नहीं था कि सभी लोग आए हों फिर भी बहुत दिनों बाद इतने लोग जमा हुए। सफल प्रदर्शन की प्रसन्नता सबके चेहरों पर झलक रही थी। कल के उत्सव का उल्लास अभी तक जारी था। इसी उल्लास के साथ थियेटरवाला के वार्षिकोत्सव की तिथि निश्चित की गई 6 अगस्त। यह उत्सव थियेटरवाला की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यों तो यह तिथि 25 मई है लेकिन रूहे इश्क के प्रदर्शन और उसकी खिसकती हुई तिथियों के कारण वार्षिकोत्सव भी खिसकता हुई अगस्त में पहुँच गया है।


वार्षिकोत्सव के संयोजन का उत्तरदायित्व सबीहा और शालिनी को मिला है। कौन क्या कर रहा है यह लगभग तय है पर अभी कोई किसी को बताना नहीं चाहता। सब इसको रहस्य रखना चाहते हैं। आज उपस्थित लोगों में चित्र में दिखाई दे रहे हैं बाएँ से- शुभ, सबीहा, सलाम, डॉ. शैलेष उपाध्याय, दिलीप परांजपे, कौशिक, मैं, सुप्रीत, प्रकाश। इसके अतिरिक्त मूफ़ी, आमिर और शालिनी भी चौपाल में उपस्थित थे लेकिन कुछ देर से पहुँचने के कारण वे चित्रों में शामिल नहीं हो सके क्यों कि प्रवीण जी अपने कैमरे का बोरिया बिस्तर समेट चुके थे।

शनिवार, 3 जुलाई 2010

२ जुलाई, समीक्षा और योजना का दिन

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शुक्रवार चौपाल- में दो जुलाई का दिन पिछले प्रदर्शन की समीक्षा और आनेवाले कार्यक्रमों की योजनाएँ बनाने का रहा। केवल बातें ही नहीं पावर पॉइंट प्रस्तुति से भी कुछ नई परियोजनाओं ने चौपाल में पदार्पण किया। इन परियोजनाओं पर बहस भी हुई। इनमें से कितनी साकार होंगी और किस रूप में वह समय ही बताएगा। बहरहाल आज चौपाल में कुछ ऐसे चेहरे थे जो नियमित रूप से नहीं दिखाई देते- लक्ष्मण, शुभ, सुमित, आमिर और मूफ़ी। इनके सिवा कुछ अपेक्षाकृत नियमित लोगों में थे कौशिक और शालिनी। बाकी नियमित लोगों में से प्रकाश और डॉ उपाध्याय उपस्थित थे। चित्र में बाएँ से- मैं शालिनी, शुभ, प्रकाश, आमिर डॉक्टर साहब, मूफ़ी, कौशिक, सुप्रीत और लक्ष्मण जी। रूहे इश्क के चलते इस वर्ष थियेटरवाला का वार्षिकोत्सव नहीं मनाया जा सका। देखते हैं इस विषय में सबका क्या निर्णय होता है।