रविवार, 24 अक्तूबर 2010

२२ अक्तूबर, एक और छुट्टी

लगता है कि इस साल छुट्टियाँ कुछ ज्यादा हो रही हैं। पिछले सप्ताह शुभाशीष दशहरे की छुट्टी पर घर गए थे। इस बार प्रकाश भारत में थे। शायद जाने का कार्यक्रम जल्दी में बना किसी को अगली गोष्ठी की ईमेल नहीं भेजी जा सकी थी। कुछ नये लोग आने वाले थे लेकिन वे भी किसी न किसी कार्य में व्यस्त रहे। कुल मिलाकर यह कि इस बार भी चौपाल में छुट्टी रही।

शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

१५ अक्तूबर, अमृता प्रीतम और शरद जोशी


आज का दिन कहानियों का दिन था। सबसे पहले प्रकाश और अमीर पहुँचे। थोड़ी ही देर बाद डॉ लता, सुमित, ऊष्मा और सुनील भी आ गए। सबसे पहले शरद जोशी की व्यंग्य रचना सितार सुनने की पोशाक पढ़ी गई, उसके बाद अमृता प्रीतम की कहानी अपना अपना कर्ज पढ़ी गई, और अंत में शरद जोशी का एक और व्यंग्यात्मक रेखाचित्र पारसी थियेटर। कहानियाँ सुमित और डॉ लता की भी कम मजेदार नहीं थीं पर वे उनके निजी जीवन से संबंधित थीं। लेखकों की कहानियाँ भी तो दैनिक जीवन से की कहानियों से ही निकलती हैं... कोर्ट मार्शल के लिये पात्रों का चयन होना था पर वह शायद अगले सप्ताह हो। चित्र में बाएँ से मैं, डॉ लता, अमीर, सुमित, प्रवीण, प्रकाश और ऊष्मा। फोटो सुनील ने लिया है।

रविवार, 10 अक्तूबर 2010

८ अक्तूबर, छुट्टी का दिन

जब भी कभी किसी नाटक का मंचन होता है आमतौर से उसके बाद वाले शुक्रवार को चौपाल की छुट्टी रहती है। २ अक्तूबर को भारतीय कौंसलावास दुबई के रंगमंच पर प्रस्तुत नाटक के बाद परंपरानुसार ८ अक्तूबर को चौपाल में छुट्टी रही।

रविवार, 3 अक्तूबर 2010

१ अक्तूबर, महाप्रयाण का पूर्वाभ्यास एवं २ अक्तूबर को प्रदर्शन


इस शुक्रवार भरत याज्ञनिक के नाटक महाप्रयाण का रिहर्सल हुआ। इस नाटक के साथ थियेटरवाला ने कुछ नये प्रयोग शामिल किये हैं। नाटक का प्रारंभ पीछे पर्दे पर गाँधी जी के कुछ दृश्यों के साथ होता है। मूल नाटक खेला नहीं जाता है बल्कि अलग अलग माइकों पर पढ़ा जाता है। बीच की कुछ घटनाओं का मंचन किया गया है जिसमें गाँधी जी के बचपन की घटनाएँ शामिल हैं। पार्श्व संगीत और प्रकाश का प्रयोग कर के नाटक में जान डाली गई है। अंत के दृश्य में घटनाएँ पर्दे पर दिखाई देती हैं। प्रार्थना सभी का दृश्य बापू को गोली लगना और अंतिम संदेश का पार्श्व से सुनाई देना। ये सब नाटक की प्रस्तुति को रोचक बनाते हैं।

यह नाटक दुबई में भारतीय कौंसलावास के प्रेक्षाग्रह में २ अक्टूबर को खेला गया औॅर काफी सराहा भी गया। दुर्भाग्य से कैमरा घर पर रह गया इसलिये तुरंत कोई फोटो नहीं पोस्ट कर रही हूँ पर हमारी फोटोग्राफर आलिया के खींचे गए फोटो जैसे ही फेसबुक पर आएँगे यहाँ लिंक देने का प्रयत्न करूँगी। १ अक्तूबर को पूर्वाभ्यास के कुछ चित्र डा.उपाध्याय ने लिये थे इसमें से २ यहाँ प्रस्तुत हैं।