tag:blogger.com,1999:blog-3870386829494908108.post5997675391004773368..comments2022-11-26T00:38:38.890-08:00Comments on शुक्रवार चौपाल: २८ अगस्त, बहुत दिनों बादपूर्णिमा वर्मनhttp://www.blogger.com/profile/06102801846090336855noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3870386829494908108.post-41117351338668442182009-08-30T23:01:40.043-07:002009-08-30T23:01:40.043-07:00अच्छा लगता है चौपाल में , मानसिक रूप से(भी) उपस्...अच्छा लगता है चौपाल में , मानसिक रूप से(भी) उपस्थित होना। <br />अच्छा लगता है यह देख- पढ़ -सुन कर कि कुछ बहुत अपने लोग शब्द -भाव -लय की गरिमा किस खूबी से बनाए हुए हैं।<br />अच्छा लगता है साहित्य सागर के एक सुदूर छोर से इसक बहु--रंग-रूप को निहारना।<br />बहुत अच्छा लगता है।<br /><br />सस्नेह<br />प्रवीण पंडितpraveen pandithttps://www.blogger.com/profile/04969273537472062512noreply@blogger.com