शुक्रवार, 24 दिसंबर 2021

सालों बाद फिर से चौपाल में

 

शुक्रवार २४ दिसंबर २०२१ को पाँच साल बाद चौपाल लगी। उसी घर में उसी मेज के चारों ओर... पिछले दो साल तो इमारात आना ही नहीं हुआ। और उसके पहले चार साल... बहुत ही कठिन संघर्षों से गुजरे। मिलने मिलाने का समय ही नहीं मिला। 

आज गोष्ठी में वह पुराना समय लौटता-सा लगा। मीरा ठाकुर और आलोक कुमार शर्मा को छोड़कर बाकी सभी चेहरे नये थे। साहित्य में उनकी रुचि देखकर अच्छा लगा। सबने स्वरचित कविताएँ सुनाईं समय अच्छा गुजरा। जो रचनाकारआज की गोष्ठी में उपस्थित थे उनके नाम हैं- मीरा ठाकुर, आलोक कुमार शर्मा, करुणा राठौर, उर्मिला चौधरी, नितिन उपाध्ये, आरती लोकेश, अंजू मेहता, मंजु सिंह, प्रवीण सक्सेना और सत्यभान ठाकुर।


काव्य गोष्ठी के अंत में करुणा राठौर की मसालेदार चाय ने सबका दिल जीत लिया। हमेशा की तरह बिना फोटो के कैसे काम चलता। कुछ किताबों के विमोचन हुए और सबके फोटो लिये गए। वादा किया कि विश्व हिंदी दिवस के दिन फिर भेंट होगी। आशा है कि अधिकतर लोग अपने वादे को निभा सकेंगे। सबसे ऊपर वाला फोटो आलोक कुमार शर्मा के कैमरे से यही कारण है कि वे उसमें दिखाई नहीं दे रहे।