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यह शुक्रवार रूहे इश्क की सफलता उत्सव के दूसरे दिन था इसलिये लोग कुछ देर से आए लेकिन सदस्यों की उपस्थिति अच्छी रही। काफ़ी लोगों के दर्शन हुए तो जोश और रौनक सबके चेहरों पर दिखाई दी। ऐसा नहीं था कि सभी लोग आए हों फिर भी बहुत दिनों बाद इतने लोग जमा हुए। सफल प्रदर्शन की प्रसन्नता सबके चेहरों पर झलक रही थी। कल के उत्सव का उल्लास अभी तक जारी था। इसी उल्लास के साथ थियेटरवाला के वार्षिकोत्सव की तिथि निश्चित की गई 6 अगस्त। यह उत्सव थियेटरवाला की स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यों तो यह तिथि 25 मई है लेकिन रूहे इश्क के प्रदर्शन और उसकी खिसकती हुई तिथियों के कारण वार्षिकोत्सव भी खिसकता हुई अगस्त में पहुँच गया है।
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वार्षिकोत्सव के संयोजन का उत्तरदायित्व सबीहा और शालिनी को मिला है। कौन क्या कर रहा है यह लगभग तय है पर अभी कोई किसी को बताना नहीं चाहता। सब इसको रहस्य रखना चाहते हैं। आज उपस्थित लोगों में चित्र में दिखाई दे रहे हैं बाएँ से- शुभ, सबीहा, सलाम, डॉ. शैलेष उपाध्याय, दिलीप परांजपे, कौशिक, मैं, सुप्रीत, प्रकाश। इसके अतिरिक्त मूफ़ी, आमिर और शालिनी भी चौपाल में उपस्थित थे लेकिन कुछ देर से पहुँचने के कारण वे चित्रों में शामिल नहीं हो सके क्यों कि प्रवीण जी अपने कैमरे का बोरिया बिस्तर समेट चुके थे।