![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhbrOUzECkCwgNUpG0XwNlEOWT6DobeIG1SPbS1N8hWwSqTrh7oRhT6mTrSj6ttU1-UVesiakumZl2V_m-9JXnzmUe01CvdrxqNxVRWrbLq1TUZF1Tr7IOwq90g6VZR52KtObBePHWmjcvr/s200/sc04_26_10.jpg)
कार्यक्रम के अनुसार आज चौपाल में आँसू और मुस्कान का दूसरा भाग पढ़ा जाना था। बहुत दिनों बाद आज दिलीप परांजपे साहब पहुँचे और वह भी सबसे पहले, उसके बाद प्रकाश और फिर शालिनी। थोड़ी देर बाद इरफ़ान आ गए। आज के कार्यक्रम में डॉ राहिल भी उपस्थित रहे। वे कुछ पहले चले गए इसलिए फोटो में कैद नहीं हो सके।
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiETrjqxaBQCAVOHZRARWg8xwmgkIxloDMNzJWccyZm42D-UWe54Z_K3t6EohUZOTs_MZrw5IPj1cfpqWgKYG9KMxv57kwKX5klCLV4I1CtrQ7KiHbsNmhvpXgoCChbR4vGSHDeIqPg-6JQ/s200/sc04_26_10b.jpg)
आज की चौपाल में स्पाइस रेडियो पर प्रसारित होने वाले तीन घंटे लंबे कार्यक्रम की चर्चा रही। इसको दिलीप जी प्रस्तुत करने वाले हैं। मल्हार द्वारा प्रस्तुत किए जाने सूफी गीतों के कार्यक्रम के विषय में भी बात हुई जिसमें थियेटरवाला की ओर से कुछ नाट्य तत्त्व का समावेश होने वाला है। इसके बाद आँसू और मुस्कान का दूसरा भाग पूरा किया गया। शिशिर और हेमंत के संवाद क्रमशः प्रकाश और दिलीप जी ने पढ़े तथा बरखा और वर्षा के शालिनी और मैंने। चित्र में बाँए से- मैं, शालिनी, दिलीप परांजपे, प्रकाश और इरफ़ान। दो नियमित सदस्य डॉ. शैलेष उपाध्याय और सबीहा मजगांवर अन्यत्र व्यस्त रहने के कारण चौपल में अनुपस्थित रहे।