इस सप्ताह चौपाल के नाटक सत्र में खजूर से अटका की अलग अलग भूमिकाओं को कौन निभाएगा इसका निर्णय होना था। साथ ही इसके निर्माण के विषय में कुछ निर्णय लिये जाने थे। लेकिन किसी विशेष काम से अचानक प्रकाश के बाहर जाने के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका। लोग धीरे धीरे पहुँचे पर उपस्थिति कम नहीं रही। हाँ साहित्य सत्र में मीरा ठाकुर की तबीयत ठीक न होने और नागेश भोजने व स्वरूपा राय की व्यस्तता के कारण सन्नाटा रहा।
हालाँकि काम कुछ विशेष नहीं हुआ पर मौसम सुहावना रहा। आसमान पर बादल छाए रहे और मनभावन हवा बहती रही। इस साल अप्रैल के महीने में पंद्रह साल में पहली बार वर्षा देखने को मिली है। लोगों का कहना है कि पिछले ७६ वर्षों से इमारात में अप्रैल के महीने में वर्षा नहीं देखी गई। लोग मौसम का आनंद ले रहे हैं और चौपाल भी आज बंदकमरे में एसी के शिकंजे से बाहर घास के मैदान पर जमी। चित्र में बाएँ से सुमित, कौशिक, डॉ. उपाध्याय, सबीहा, नीरू, मैं और प्रवीण सक्सेना।
लखनऊ में भी बारिश हुई ....!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर , हमारे यहाँ तो आज पंहुची !
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