रविवार, 4 अक्टूबर 2009

२ अक्तूबर, शहर से अनुपस्थित

इस बार मैं अपने शहर शारजाह से दूर सहारनपुर के एक गाँव में हूँ। खुशी की बात यह है कि इस गाँव में इंटरनेट है। ईमेल चेक करने के लिए इस कैफ़े में आई हूँ। प्रकाश का ईमेल आया है। इस बार की चौपालके विषय में वे लिखते हैं कि this friday we are not having chaupal as dr sab is in india, too. sabiha and others are involved in 'jis lahore nahi dekhya...aap bhi nahi hai.... vaise bhi gine chune log hi aate hai...to socha seedhe agle friday hi mile... लगता है चौपाल के पाठकों अब आगले सप्ताह की जानने को मिलेगा कि शारजाह के थियेटरवाला क्या कर रहे हैं। ठीक है तो फिर अगली बार ही मिलते हैं।

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