१७ दिसंबर को भारतीय दूतावास, आबूधाबी में संक्रमण और गैंडाफूल के मंचन से कलाकार और दर्शक दोनो संतुष्ट दिखे। इस कार्यक्रम की योजना काफ़ी पहले से बन चुकी थी लेकिन काफ़ी परेशानियों से गुज़रना पड़ा। कलाकारों की व्यक्तिगत व्यस्तताएँ और यात्राएँ नाटकों के पूर्वाभ्यास को डाँवाडोल करती रहीं। संक्रमण में सबीहा द्वारा अभिनीत भूमिका में इस बार रागिनी थीं। उनके फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल से लगता है कि उनका अभिनय दर्शकों द्वारा काफ़ी पसंद किया गया। कार्यक्रम की समाप्ति पर प्रकाश का फोन भी आया था। वे भी प्रसन्नचित्त और संतुष्ट मालूम होते थे। चित्र अभी नहीं आए हैं जैसे ही आएँगे लिंक यहाँ देने का प्रयत्न करेंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन आबूधाबी में होना था, जिसके लिए इमारात के जानेमाने, कथाकार कवि और 'निकट' के संपादक कृष्ण बिहारी ने दूतावास के साथ मिलकर ज़ोरदार तैयारियाँ की थीं। दूतावास का थियेटर पारंपरिक थियेटर नहीं है तो भी कलाकारों को वहाँ अभिनय कर संतुष्टि मिली, यह बड़ी उपलब्धि दोनो नाटक दर्शकों ने पसंद किए और जी भर कर सराहना मिली। आयोजन के सफल संचालन और सुव्यवस्था में दूतावास के साथ कृष्ण बिहारी के व्यक्तिगत प्रयत्नों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम के बाद रात्रिभोज की व्यवस्था थी जिसके कारण शारजाह और दुबई के कलाकारों को घर लौटते काफ़ी रात हो गई थी। वैसे भी कड़ी मेहनत और सफल कार्यक्रम के उपलक्ष्य में एक दिन की छुट्टी तो बनती ही है। कुल मिलाकर यह कि १८ दिसंबर को सफल मंचन के संतोष में चौपाल की छुट्टी रही।
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