रविवार, 1 अगस्त 2010

३० जुलाई, उत्सवदिन

थियेटरवाला के वार्षिकोत्सव की तैयारियाँ थी और प्रकाश सोनी का जन्मदिन भी तो भीड़ पर केक और इमरतियों का रंग छाया रहा। आज के कार्यक्रमों की सूची इस प्रकार थी-

१. मसूद अशआर की कहानी- कपास कहानी
२. मंशा याद की कहानी- पानी से घिरा पानी और
३. निदा फ़ाज़ली की कविताएँ
सबसे पहले पहुँचे सबीहा और प्रकाश, केक और इमरती लेकर।


फिर धीरे धीरे १८ सदस्य जमा हो गए। मसूद अशआर की कहानी पढ़ी मैंने और अब्दुल लतीफ़ मजगाँवकर साहब ने। पानी से घिरा पानी शालिनी ठाकुर ने पढ़ी और निदा साहब की कविताएँ प्रकाश ने सुनाई। आनेवाले वार्षिकोत्सव की विषय में बातचीत हुई और प्रकाश का जन्मदिन हंगामे के साथ मना। आज उपस्थित सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं- प्रकाश, सबीहा, लक्ष्मण, अब्दुल लतीफ, शाहबाज़, सलाम, अमीर, आमिर, डॉ. उपाध्याय, ज़रीन, कौशिक, शालिनी, शुभोजित, सुमित, मूफ़ी, नीलेश मैं और प्रवीण।

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