शनिवार, 25 सितंबर 2010

२४ सितंबर, प्रदर्शन का दिन


इस सप्ताह चौपाल पर भरत याज्ञिक के मूल गुजराती नाटक के हिंदी रूपांतर महाप्रयाण का पाठ किया गया। इस नाटक का जल्दी ही मंचन किया जाना है अतः कुछ पात्रों का चयन भी किया गया। इसके अतिरिक्त आज अभिनय और प्रदर्शन का दिन भी था। इस अवसर पर मिलिंद तिखे ने अपनी कहानी कदंब के फूल का पाठ किया और आमिर ने कुछ कविताएँ सुनाईं। शुभजित के मूक अभिनय ने सबका दिल जीत लिया। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में मिलिंद जी मिठाई लेकर आए थे जो चाय के साथ परोसी गई। आज उपस्थित सदस्यों में- दिलीप परांजपे, मुहम्मद अली, प्रकाश सोनी, डॉ. शैलेष उपाध्याय, नीलेश पटेल, विक्रम शर्मा, सुमित, शुभजीत, मिलिंद तिखे, आमिर और सुनील के साथ मैं और प्रवीण भी शामिल रहे।

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