शुक्रवार, 13 मई 2011

१३ मई, यथासंभव, शरद जोशी के साथ


आज का दिन शरद जोशी के नाम रहा। चौपाल की शुरुआत सुस्त रही। सबीहा और प्रकाश के बाद धीरे धीरे लोग आने शुरू हुए। २७ मई को थियेटरवाला की स्थापना के ४ साल पूरे होने वाले हैं। इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है। क्या विशेष होने वाला है यह अभी रहस्य बना के रखना है पर इस बार शरद जोशी के व्यंग्य संग्रह यथासंभव से ढेर से व्यंग्य लेखों का पाठ हुआ। आज उपस्थित लोगों में प्रकाश सोनी और सबीहा मझगाँवकर के साथ डॉ शैलेश उपाध्याय, दिलीप परांजपे, सुमित गुप्ता, मीरा ठाकुर, कौशिक साहा और नीरू थे। मैं और प्रवीण सक्सेना तो थे ही। चित्र में नीरू और कौशिक अनुपस्थित हैं। वे देर से पहुँचे थे।

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