इस सप्ताह शुक्रवार चौपाल का आरंभ स्वरूपा राय के आगमन के साथ हुआ। इमारात के बच्चों को हिंदी पढ़ाने की समस्याओं से लेकर बात नई कहानियों तक पहुँची।
नाटक सत्र में सबसे पहले सबीहा पहुँचीं। बहुत दिनों के बाद अली भाई नजर आए फिर प्रकाश और सुमित भी आ गए। प्रकाश ने कुछ कविताएँ पढ़ीं और मैंने एक कहानी। २७ मई शुक्रवाल चौपाल का वार्षिकोत्सव का दिन है। तीन साल पहले इसी दिन पहली चौपाल लगी थी। इस अवसर पर सब कुछ न कुछ करने की तैयारी कर रहे हैं।
चित्र में बाएँ से प्रकाश अली भाई, सुमित, मैं और सबीहा। स्वरूपा कुछ पहले चली गई थीं इसलिये वे चित्र में नहीं दिखाई दे रहीं।
नाटक सत्र में सबसे पहले सबीहा पहुँचीं। बहुत दिनों के बाद अली भाई नजर आए फिर प्रकाश और सुमित भी आ गए। प्रकाश ने कुछ कविताएँ पढ़ीं और मैंने एक कहानी। २७ मई शुक्रवाल चौपाल का वार्षिकोत्सव का दिन है। तीन साल पहले इसी दिन पहली चौपाल लगी थी। इस अवसर पर सब कुछ न कुछ करने की तैयारी कर रहे हैं।
चित्र में बाएँ से प्रकाश अली भाई, सुमित, मैं और सबीहा। स्वरूपा कुछ पहले चली गई थीं इसलिये वे चित्र में नहीं दिखाई दे रहीं।
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