शुक्रवार, 7 मई 2010
७ मई, सखाराम बाइंडर
इस बार चौपाल में विजय तेंडुलकर के नाटक सखाराम बाइंडर के पाठ का कार्यक्रम था। निरूपमा वर्मा द्वारा किया गया इसका हिंदी रूपांतर पढ़ा जाना था। डॉ. उपाध्याय और दिलीप परांजपे साहब समय से पहुँचे। शालिनी और प्रकाश को आने में थोड़ी देर हुई। उनके पहुँचते ही डॉ उपाध्याय ने नाटक की कथावस्तु संक्षेप में बताई। नाटक के प्रारंभिक भाग का पाठ हुआ। सबको ही किसी न किसी जगह जाना था इसलिए आज की चौपाल समय से थोड़ा पहले ही समाप्त हो गई।
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