रविवार, 23 मई 2010
२१ मई, पूर्वाभ्यास और रिहर्सल
चौपाल में जहाँ एक ओर मल्हार के रूहे इश्क कार्यक्रम का पूर्वाभ्यास जारी है वहीं दूसरी ओर शुक्रवार चौपाल की तीसरी वर्षगाँठ के उत्सव की तैयारियाँ भी जारी है। इस बार वर्षगाँठ के अवसर पर अनेक एकालाप और नाटिकाओं का प्रस्तुति का कार्यक्रम है। समय सीमा 8से 10 मिनट रखी गई है। सब अपने अपने पूर्वाभ्यास में लगे हैं।
मल्हार का रूहे इश्क रूमी, अमीर खुसरों, कबीर और बुल्लेशाह के गीतों पर आधारित एक संगीत कार्यक्रम है जिसमें कुछ घटनाएँ नाटक के रूप में प्रस्तुत की जानी हैं। शुक्रवार चौपाल की प्रस्तुतियों को अभी तक सबने गुप्त रखा है। शायद इस शुक्रवार विस्तार से पता चले।
इन सब कार्यक्रमों के चलते बहुत दिनों बाद चौपाल में कुछ ज्यादा लोग दिखाई पड़े। डॉ. शैलेष उपाध्या, सबीहा, प्रकाश, दिलीप परांजपे और शालिनी के साथ इस बार आमिर, सुप्रीत, और सलाम हाज़िर थे। बहुत दिनों बाद अली भाई के भी दर्शन हुए। चित्र में बाएँ से- सलाम, सबीहा, शालिनी, सुमीत, दिलीप परांजपे, आमिर, डॉ. उपाध्याय, अली भाई और प्रकाश।
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