शनिवार, 29 मई 2010
२८ मई, रूहे इश्क का पूर्वाभ्यास
चौपाल में मल्हार का रूहे इश्क आकार लेने लगा है। लोग देर से आए पर काम बहुत गंभीरता से देर तक जारी रहा। अली भाई सूत्रधार के पूर्वाभ्यास में पूरी तरह खोए रहे। सूत्रधार के आलेख को भी शायद अंतिम आकार मिल गया है। सूफ़ी कवियों के जीवन की इन छोटी झलकियों में कुछ नए कलाकार भी शामिल हैं। कुल मिलाकर वातावरण गंभीर रहा, पूरी तरह से पूर्वाभ्यास के मूड में। कुछ लोग देर से भी आए पर लगता है दिन सफल रहा।
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