शनिवार, 18 सितंबर 2010

१७ सितंबर, दो उर्दू कहानियाँ



इस सप्ताह चौपाल पर पढ़ी गई दो उर्दू कहानियों के हिंदी रूपांतर- कृष्णचंदर की वैक्सिनेटर और सआदत हसन मंटो की टोबा टेक सिंह। पिछले कुछ महीनों से थियेटरवाला की नियमित मासिक प्रस्तुतियों में व्यवधान बना हुआ है। इस विषय पर चर्चा हुई और इसको दूर करने के उपायों पर विचार किया गया। अली भाई आज की चौपाल में बहुत दिनों बाद दिखाई दिये। अन्य उपस्थित सदस्यों में चित्र में बाएँ से- एक पुराने सदस्य जो बहुत दिनों बाद आए इसलिये नाम याद नहीं आ रहा, सुमित, प्रकाश, अली भाई, मिलिंद तिखे, डॉ. उपाध्याय और मैं। प्रवीण जी की अनुपस्थिति में चित्र शुभजीत ने लिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें