
यह निश्चित किया गया कि छात्रों में अनुच्छेद लेखन के अभ्यास में से चुने हुए लेखों को अभिव्यक्ति में प्रकाशित किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी से जुड़ने के लिये इंटरनेट के प्रयोग और निरंतर रचनात्मकता पर बल दिया गया। अंत में बी.बी.सी. द्वारा संडे के संडे’ कार्यक्रम में प्रसारित ‘भारतीयता की ओर अस्मिता की अधूरी कहानी’ इस पुस्तक लेखक पवन वर्मा के साथ राजेश जोशी की बातचीत का ऑडियो सुना गया तथा इस पर चर्चा भी हुई।
इस गोष्ठी में २ सूचनाएँ भी थी। पहली सूचना स्थानीय दिल्ली पब्लिक स्कूल में १६ दिसंबर को आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन की थी और दूसरी भारत से पधारने वाली रायपुर की कथाकार सुरेखा ठक्कर के दुबई आगमन की। चाय के साथ गोष्ठी का समापन हुआ। गोष्ठी सुबह दस बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक चली।
प्रस्तुति- मीरा ठाकुर
Saarthak aur swaagat yogy prashansniiy kadam. Badhaayi sweekar karen.
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