शनिवार, 26 मार्च 2011

२५ मार्च, मोपासां की कहानियाँ


इस बार चौपाल में में मोपासां की तीन कहानियाँ पढ़ी जानी थीं। हीरों का हार, बेकार सौंदर्य और एक राज काज। इस चौपाल के पहले और बाद "खजूर में अटका" के पात्रों की चयन प्रक्रिया के लिये दो गोष्ठियाँ सप्ताह के बीच में होनी है। शायद इसलिये सदस्य कुछ देर से पहुँचे। सबके आने पर कहानियों का पाठ हुआ, चाय पी गई, शुभोजित ने दुबई में भारतीय संगीत से संबंधित एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसके संबंध में स्थानीय रेडियो पर उनका एक साक्षात्कार प्रसारित हुआ था उसकी रेकार्डिंग सुनी और बहुत दिनों बाद कुछ राजनीति चर्चा भी हुई।

इस साल छत पर हरे रंग की चादरें लगी हैं इसलिये कितना भी करेक्शन करो फोटो हरी ही बनी रहती है। मौसम गरम होने लगा है शायद अधिक से अधिक एक और चौपाल बाहर हो सकेगी। फिर हम अंदर ही बैठेंगे।

चित्र में बाएँ से- प्रकाश सोनी कहानी पढ़ते हुए, डॉ. उपाध्याय, शुभोजित, सुमित और मैं। फोटो प्रवीण सक्सेना ने लिया।

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