

नाटकों के पूर्वाभ्यास और उनके मंचन के बीच सैकड़ों समस्याएँ और उनके बहुत से हल। बहुत सी शिकायते बहुत से सवाल, बहुत से वादे बहुत से जवाब। ऐसा नहीं कि इससे पहले ये बातें हुई नहीं फिर भी बार बार बातों की गुंजाइश बनी रहती है। कुछ आगे की योजनाएँ बन गईं। बातें सफल हुईं या असफल यह समय बताएगा और योजनाएँ आकार लेती हैं या नहीं यह भी।
कुल मिलाकर रोचक बात यह रही कि अली भाई और प्रकास सोनी ने एक अनूठी प्रेम कहानी के पहले अंक का पहला दृश्य पढ़ा जो सुनने में बहुत रोचक लगा। आज उपस्थित लोगों में थे- प्रकाश सोनी, अली भाई, डॉ. उपाध्याय, सबीहा, मेनका, सादिया, रायन, संजय ग्रोवर, सुमित, राजन सभरवाल, कल्याण, सलाम, मैं और प्रवीण।
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