
खबरदार, होशियार, इमारात के सभी समझदार! बारह प्रदर्शनों का वार्षिक शृंखला में थियेटरवाला लेकर आ रहे हैं अपना दूसरा प्रदर्शन - दो नाटकों का रंगारंग कार्यक्रम गुरुवार 26 फरवरी की शाम नौ बजे से। नाटक हैं- चौदह और जुलूस।
चौदह समाज में प्रदर्शन की मानसिकता और महत्वकांक्षाओं के बीच बुनी गई पारिवारिक कामदी है जिसमें सारी समस्याएँ खाने की मेज़ के आसपास घूमती हैं। मूल रूप से एलिस गर्सटेनबर्ग के अंग्रेज़ी नाटक को हिन्दी रूपाकार दिया है सबीहा मज़गाँवकर ने, निर्देशन भी उन्हीं का है। कलाकार हैं- मेनका, मूफ़ी और ऊष्मा। जुलूस खोए हुए मुन्ना की तलाश है, मुन्ना- जो सबके लिए अलग है, जिसका वादा नेता करते हैं, जिसकी प्रतीक्षा जनता करती है, जिसकी ज़रूरत हर किसी है पर जिसकी तलाश कभी ख़त्म नहीं होती। नाटक का मूल विचार बादल सरकार के इसी नाम के नाटक से लिया गया है। आधुनिक रूप दिया है असलम परवेज़ ने और निर्देशन बिमान बोस का है। कलाकार हैं- मेनका, मूफ़ी, सबीहा, मीर, इरफान, महबूब हसन रिज़वी, डॉ. शैलेष उपाध्याय, अनुज सक्सेना और मुहम्मद अली।
प्रदर्शन स्थल है शारजाह हैरिटेज एरिया में इंस्टीट्यूट ऑफ़ थियेट्रिकल आर्ट्स का थियेटर। प्रवेश के लिए फोन कर के प्रवेशपत्रों की बुकिंग की जा सकती है। फोन नम्बर और स्थान के विषय में जानकारी के लिए कृपया पोस्टर पर क्लिक करें।
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