
आज के कार्यक्रम में सबसे पहले दस्तक का रिहर्सल होना था। एक घंटे के इस नाटक का शारजाह में मंचन होना है। इसी के साथ बड़े भाई साहब को भी प्रस्तुत करने की योजना है। ये दोनों नाटक पहले दुबई में खेले जा चुके हैं। रिहर्सल शुरू हुआ और लगभग एक घंटे बाद दुबई मेल आ गई। दुबई से आज विशेष अतिथि थे क्रिस्टोफ़र साहब जो इमारात की जाने-माने रंगकर्मी है। इसके बाद के पी सक्सेना का छोटा नाटक पढ़ा गया- खिलजी का दांत। आज उपस्थित लोगों में थे- प्रकाश सोनी, कौशिक साहा, डॉ. शैलेष उपाध्याय, सबीहा मजगांवकर, शांति, दोनों भाई मीर और इरफ़ान, क्रिस्टोफ़र साहब, अश्विनी, जुल्फ़ी शेख और प्रवीण सक्सेना।
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