शनिवार, 16 जनवरी 2010

१५ जनवरी, जकिया जी के साथ



शुक्रवार १५ जनवरी को चौपाल में लंदन से ज़किया जी पधारीं इसलिये पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में थोड़ा परिवर्तन किया गया था। साहित्य सत्र इस बार स्थगित कर दिया गया और अभिनय सत्र लंबा रहा जिसमें थियेटरवाला द्वारा 'संक्रमण' का मंचन किया। कामतानाथ की कहानी की इस नाट्य प्रस्तुति को आकार दिया था पिता के रूप में डॉ. शैलेष उपाध्याय ने, माँ के रूप में सबीहा मजगाँवकर ने और पुत्र के रूप में कौशिक साहा ने। निर्देशन प्रकाश सोनी का था और संगीत संग्राम का।

इस अवसर पर कलाकारों के अतिरिक्त उपस्थित रहे- सुनील, प्रवीण सक्सेना और प्रतिबिंब के महबूब हसन रिज़वी। आलिया और आरिफ़ हमारी प्रस्तुतियों में अक्सर आते रहे हैं पर चौपाल में वे पहली बार आए। मंचन के बाद सबने मिलकर इमारात में हिंदी थियेटर की कठिनाइयों और संभावनाओं पर विचार विमर्श किया। चाय पी गई और अंत में एक समूह चित्र लिया प्रवीण सक्सेना ने। चित्र में बाएँ से कुर्सी पर- ज़क़िया ज़ुबैरी, सबीहा और डॉ.शैलेश, ज़मीन पर बाएँ से- सुनील, पीछे की ओर आरिफ़, सामने संग्राम, मैं, आलिया, प्रकाश,पीछे की ओर कौशिक और सामने महबूब हसन रिज़वी। प्रदर्शन के बहुत से चित्र सुनील ने लिए थे पिकासा के उस एलबम को यहाँ देखा जा सकता है।

1 टिप्पणी:

  1. सुबह की चाय के साथ अभिव्‍यक्ति की चौपाल साइट पर गई। ज़कीयाजी को देखना सुखद लगा। पूर्णिमाजी का लगातार सक्रिय रहना प्रेरणा का कारण बनता है और रश्‍क भी होता है कि मैं भी हिन्‍दी के प्रचार-प्रसार के यज्ञ में आहुतिस्‍वरूप कुछ कर पाऊं।

    पूर्णिमाजी एवं सभी चौपालियों को आगामी कार्यक्रमों के लिये शुभ कामना।

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